अंजीर खाने के फायदे जानेंगे आज हम
*🍘अंजीर खाने के फायदे जानेंगे आज हम🍘*
काबुल में अंजीर की अधिक पैदावार होती है। हमारे देश में बंगलोर, सूरत, कश्मीर, उ.प्र.,नासिक, मैसूर क्षेत्रों में यह ज्यादा पैदा होता है। इसका पेड़ 14 से 18 फुट ऊंचा होता है। पते और शाखाओं पर रोएं होते हैं। फूल न लगकर, फल पहले कच्ची हालत में हरे और पकने पर लाल-आसमानी रंग के हो जाते हैं। सूखे अंजीर हमेशा उपलब्ध होते हैं। कच्चे फल की सब्जी बनती है। इसके बीजों से तेल निकाला जाता है।
विभिन्न भाषाओं में नाम
संस्कृत (Anjeer Name In Sanskrit) – काकोदुम्बरिका।
हिन्दी (Anjeer In Hindi) – अंजीर।
मराठी (Anjeer In Marathi) – अंजीर।
गुजराती (Anjeer In Gujrati) – पेपरी। बंगालीपेयारा।
अंग्रेजी (Anjeer Name In English) -फिग (Fig)।
लैटिन (Anjeer Name In Latin) – फिकस कैरिका (Ficus carica)।
अंजीर के औषधीय गुण
अंजीर एक स्वादिष्ठ फल ही नहीं, गुणकारी मेवा भी है। इसके अलावा कई रोगों में लाभकारी औषधि का भी काम करता है। आयुर्वेदिक मतानुसार अंजीर का पका फल मधुर, शीतल, भारी, तुष्टि देने वाला, स्वादिष्ट, वात, पित्त और कफ, क्षय, रक्त और वायु विकार नाशक है। Anjeer Khane Ke Fayde
यूनानी मतानुसार इसे मधुर,बलवर्धक, बाजीकारक, ज्वर हरने वाला और रेचक कहा जाता है।
वैज्ञानिक मतानुसार अंजीर के रासायनिक गुणों का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इसके सूखे फल में कार्बोहाइड्रेट (शर्करा) 63 प्रतिशत, प्रोटीन 5.5 प्रतिशत, सेल्यूलोज 7.3प्रतिशत, चिकनाई 1 प्रतिशत, खनिज लवण 3 प्रतिशत, अम्ल 1.2 प्रतिशत, राख 2.3 प्रतिशत और जल 20.8 प्रतिशत होता है। इसके अलावा प्रति 100 ग्राम अंजीर में 1.5 मिलीग्राम लोहा, विटामिन ए की 270 आई यू अल्प मात्रा में चूना, पोटेशियम, सोडियम, गंधक, फास्फोरिक एसिड और गोंद भी पाया जाता है।
विभिन्न रोगों में अंजीर का प्रयोग – 12 लाभदायक गुण
1. कब्ज़ तथा बवासीर के इलाज में
अंजीर का प्रयोग कब्ज और बवासीर में काफी लाभदायक होता है. लगभग 5 अंजीर लें और उन्हें 250 ml दूध में उबालकर रात में सोने से पहले खाएं और बचे हुए दूध को भी पी जाएँ. ऐसा करने से कुछ ही दिनों में कब्ज़ तथा बवासीर में काफी फायदा होता है. कब्ज का प्राकृतिक औषधियों द्वारा इलाज
2. दमा रोग के इलाज में अंजीर : बलगम निकलने वाले दमा रोग में अंजीर खाना गुणकारी होता है।
3. बार-बार प्यास लगना : यदि किसी को बार – बार पेशाब आता है तो अंजीर का सेवन लाभप्रद होता है ।
4. मुंह के छाले : छालों को ठीक करने के लिए अंजीर का रस लगायें इससे आराम मिलता है
5. प्रदर रोग के इलाज में : थोड़ी शहद लें और उसमें थोड़ा सा अंजीर का रस, इन्हें मिलाकर सेवन करना लाभदायक होता है।
6. खांसी को ठीक करने के लिए : पके अंजीर का काढ़ा पीने से खांसी दूर हो जाती है।
7. दांत दर्द होने पर
इसके लिए कच्चे अंजीर से इसका दूध निकाल लें और रुई में भिगोकर उस दांत पर रखें जो दर्द हो रहा हो. थोड़ी देर तक दबा कर रखें तो अधिक फायदा मिलेगा. इसे आप दिन 3 बार करें.
8. बहुमूत्र के इलाज में
अधिक मूत्र आना एक आम बीमारी हो गयी है जोकि अधिकतर अधिक उम्र के लोगों में होती है. इसे ठीक करने में अंजीर बहुत लाभप्रद है. आप लगभग 5 अंजीर लें और 10 ग्राम काले तिल लें और इसे चबा- चबाकर खाएं तो यह कष्ट दूर होता है। महिलाओं में बहुमूत्र रोग का घरेलू इलाज
9. मुंहासे को ठीक करने में
कच्चे अंजीर का दूध मुंहासों पर लगाने से यह कष्ट दूर होता है. इससे आप दिन में 3 बार इसे लगाएं।
10. चर्म रोगों पर
यह चर्म रोगों में रामबाण इलाज होता है. इसके लिये आप कच्चे अंजीर का दूध निकाल लें और वहां पर लगायें जहाँ आपको चर्म रोग है. इसे लगातार लगाने से हर प्रकार का चर्म रोग दूर होता है.
11. दुर्बलता का इलाज करें अंजीर से
यदि आपका शरीर कमजोर है और आप इसे स्वस्थ और मजबूत बनाना चाहते है तो अंजीर आपके लिए बहुत उपयोगी है. अंजीर और सौंफ को बराबर मात्रा में लें और उसे चबा-चबाकर नियमित सेवन करें. ऐसा 40 दिनों तक करने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है ।
12. शरीर में खून वृद्धि और शुद्धि के लिए
अंजीर शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होती हैं. इसका उपयोग करने से खून की सफाई होती है और सारे रोगग दूर होते है. आप इसका प्रयोग नियमित करे. सुबह कम से कम 10 मुनक्के लें और उसमें 5 अंजीर डालें और 250 मिलीलीटर दूध में उबालकर खा लें। बचे हुए दूध भी पी जायं ।
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काबुल में अंजीर की अधिक पैदावार होती है। हमारे देश में बंगलोर, सूरत, कश्मीर, उ.प्र.,नासिक, मैसूर क्षेत्रों में यह ज्यादा पैदा होता है। इसका पेड़ 14 से 18 फुट ऊंचा होता है। पते और शाखाओं पर रोएं होते हैं। फूल न लगकर, फल पहले कच्ची हालत में हरे और पकने पर लाल-आसमानी रंग के हो जाते हैं। सूखे अंजीर हमेशा उपलब्ध होते हैं। कच्चे फल की सब्जी बनती है। इसके बीजों से तेल निकाला जाता है।
विभिन्न भाषाओं में नाम
संस्कृत (Anjeer Name In Sanskrit) – काकोदुम्बरिका।
हिन्दी (Anjeer In Hindi) – अंजीर।
मराठी (Anjeer In Marathi) – अंजीर।
गुजराती (Anjeer In Gujrati) – पेपरी। बंगालीपेयारा।
अंग्रेजी (Anjeer Name In English) -फिग (Fig)।
लैटिन (Anjeer Name In Latin) – फिकस कैरिका (Ficus carica)।
अंजीर के औषधीय गुण
अंजीर एक स्वादिष्ठ फल ही नहीं, गुणकारी मेवा भी है। इसके अलावा कई रोगों में लाभकारी औषधि का भी काम करता है। आयुर्वेदिक मतानुसार अंजीर का पका फल मधुर, शीतल, भारी, तुष्टि देने वाला, स्वादिष्ट, वात, पित्त और कफ, क्षय, रक्त और वायु विकार नाशक है। Anjeer Khane Ke Fayde
यूनानी मतानुसार इसे मधुर,बलवर्धक, बाजीकारक, ज्वर हरने वाला और रेचक कहा जाता है।
वैज्ञानिक मतानुसार अंजीर के रासायनिक गुणों का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इसके सूखे फल में कार्बोहाइड्रेट (शर्करा) 63 प्रतिशत, प्रोटीन 5.5 प्रतिशत, सेल्यूलोज 7.3प्रतिशत, चिकनाई 1 प्रतिशत, खनिज लवण 3 प्रतिशत, अम्ल 1.2 प्रतिशत, राख 2.3 प्रतिशत और जल 20.8 प्रतिशत होता है। इसके अलावा प्रति 100 ग्राम अंजीर में 1.5 मिलीग्राम लोहा, विटामिन ए की 270 आई यू अल्प मात्रा में चूना, पोटेशियम, सोडियम, गंधक, फास्फोरिक एसिड और गोंद भी पाया जाता है।
विभिन्न रोगों में अंजीर का प्रयोग – 12 लाभदायक गुण
1. कब्ज़ तथा बवासीर के इलाज में
अंजीर का प्रयोग कब्ज और बवासीर में काफी लाभदायक होता है. लगभग 5 अंजीर लें और उन्हें 250 ml दूध में उबालकर रात में सोने से पहले खाएं और बचे हुए दूध को भी पी जाएँ. ऐसा करने से कुछ ही दिनों में कब्ज़ तथा बवासीर में काफी फायदा होता है. कब्ज का प्राकृतिक औषधियों द्वारा इलाज
2. दमा रोग के इलाज में अंजीर : बलगम निकलने वाले दमा रोग में अंजीर खाना गुणकारी होता है।
3. बार-बार प्यास लगना : यदि किसी को बार – बार पेशाब आता है तो अंजीर का सेवन लाभप्रद होता है ।
4. मुंह के छाले : छालों को ठीक करने के लिए अंजीर का रस लगायें इससे आराम मिलता है
5. प्रदर रोग के इलाज में : थोड़ी शहद लें और उसमें थोड़ा सा अंजीर का रस, इन्हें मिलाकर सेवन करना लाभदायक होता है।
6. खांसी को ठीक करने के लिए : पके अंजीर का काढ़ा पीने से खांसी दूर हो जाती है।
7. दांत दर्द होने पर
इसके लिए कच्चे अंजीर से इसका दूध निकाल लें और रुई में भिगोकर उस दांत पर रखें जो दर्द हो रहा हो. थोड़ी देर तक दबा कर रखें तो अधिक फायदा मिलेगा. इसे आप दिन 3 बार करें.
8. बहुमूत्र के इलाज में
अधिक मूत्र आना एक आम बीमारी हो गयी है जोकि अधिकतर अधिक उम्र के लोगों में होती है. इसे ठीक करने में अंजीर बहुत लाभप्रद है. आप लगभग 5 अंजीर लें और 10 ग्राम काले तिल लें और इसे चबा- चबाकर खाएं तो यह कष्ट दूर होता है। महिलाओं में बहुमूत्र रोग का घरेलू इलाज
9. मुंहासे को ठीक करने में
कच्चे अंजीर का दूध मुंहासों पर लगाने से यह कष्ट दूर होता है. इससे आप दिन में 3 बार इसे लगाएं।
10. चर्म रोगों पर
यह चर्म रोगों में रामबाण इलाज होता है. इसके लिये आप कच्चे अंजीर का दूध निकाल लें और वहां पर लगायें जहाँ आपको चर्म रोग है. इसे लगातार लगाने से हर प्रकार का चर्म रोग दूर होता है.
11. दुर्बलता का इलाज करें अंजीर से
यदि आपका शरीर कमजोर है और आप इसे स्वस्थ और मजबूत बनाना चाहते है तो अंजीर आपके लिए बहुत उपयोगी है. अंजीर और सौंफ को बराबर मात्रा में लें और उसे चबा-चबाकर नियमित सेवन करें. ऐसा 40 दिनों तक करने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है ।
12. शरीर में खून वृद्धि और शुद्धि के लिए
अंजीर शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होती हैं. इसका उपयोग करने से खून की सफाई होती है और सारे रोगग दूर होते है. आप इसका प्रयोग नियमित करे. सुबह कम से कम 10 मुनक्के लें और उसमें 5 अंजीर डालें और 250 मिलीलीटर दूध में उबालकर खा लें। बचे हुए दूध भी पी जायं ।
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Figs are known in English as fig. And most of the time, it is eaten with the fruit. In addition, figs are used in home remedies. It contains vitamins, minerals, and antioxidants that help people to get good health. Benefits Of Anjeer| Anjeer Ke Fayde|
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उत्तर द्याहटवाAnjeer khane ke fayde aur nuksan